Tulamula Me Jagran


तुलामुला में जागरण
जया सिबू


शुक्ला अष्टमी एक महान दिवस है

अति भव्या भाव्या माधुर्य युक्त दुर्गाष्टमी

कश्मीर की भू: भुवः स्वः की रात्रि में---

जहाँ होता है जागरण

देवी के कुण्ड के समक्ष जो वास्तव में

शारदा ओं /ॐ जल तत्त्व से उद्भासित

सृष्टि का ही प्रतिरूप है

आगम शास्त्र के आधार पर

नमन करते उस कुंड को

जो सत्त का प्रत्यक्ष स्वरूप है

रँग जिसके परिवर्तित होते रहते ---,

भविष्य की अवधारणा को लेकर

है भिन्न स्वरूपा पूर्ण -प्रकृति

भिन्न नाम माता के -------

राज्ञा देवी राजेश्वरी भवानी दुर्गा इष्ट देवी

सहस्र स्वरूपिणी श्री माता अचित्य रूप चरित वाली

त्रिमूर्ति की भव्या स्वरूपा शक्ति

अष्टमी का पदार्पण एक महान इच्छा शक्ति थी

तुम्हारी अव्यय अनंत अपरिमित शक्ति की

हमारी आस्था शक्ति बनी है दिव्य मुहूर्त की वेला

आशीष दो मातेश्वरी! भुवनेश्वरी! सर्वेश्वरी!

यही है हमारी नित्य प्रार्थना नित्य अष्टमी पर

ज्येष्ट अष्टमी तेरा ही एक दिव्य मुहूर्त है

दुर्गाष्टमी हमारी अस्मिता की प्रेरणा भी

Jaya Sibu
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